AMITSHRI

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम. कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती.

गुरुवार, 7 जनवरी 2010

अमित

आप सभी को गणतंत्र दिवस की सुभकामना
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